जब दो सतह एक-दूसरे पर फिसलती हैं, तो उनके बीच लगते घर्षण को गतिज घर्षण कहते है। पहले हम गतिज घर्षण की दिशा के बारे में बात करें। मान लें कि एक टेबुल A पर एक वस्तु B चल रही है । टेबुल फर्श पर स्थित है और स्थिर है। वस्तु B की सतह टेबुल की सतह को रगड़ते हुए उसपर चल रही है। इसलिए टेबुल वस्तु पर गतिज घर्षण का बल लगाएगी। यह बल f टेबुल के सापेक्ष वस्तु के वेग की दिशा के विपरीत होगा। गतिज घर्षण की दिशा मालूम करने के लिए आप नीचे लिखे नियम को याद कर सकते हैं।
वस्तु A द्वारा वस्तु B पर लगाए गए गतिज घर्षण की दिशा, वस्तु A के सापेक्ष B के वेग की दिशा के विपरीत होती है।
जिसके द्वारा घर्षण लगाया जा रहा है उसी के सापेक्ष वेग देखना है। यहाँ टेबुल द्वारा घर्षण लगाया जा रहा है, इसलिए टेबुल के सापेक्ष वेग देखना है। यह घर्षण वस्तु पर लग रहा है, इसलिए वस्तु के वेग को देखना है। अर्थात, टेबुल द्वारा वस्तु पर लगते घर्षण बल को दिशा पता करने के लिए टेबुल के सापेक्ष वस्तु के वेग को देखें। वस्तु पर लगता घर्षण बल इस वेग को दिशा के विपरीत होगा।
इसी उदाहरण में वस्तु भी टेबुल पर घर्षण बल लगा रही है। यह तो न्यूटन के गति का तीसरा नियम है। यदि टेबुल वस्तु पर बायीं ओर घर्षण बल f लगा रही है, तो वस्तु टेबुल पर दाहिनी ओर घर्षण बल लगाएगी। इस दिशा को भी हम ऊपर लिखे नियम से मालूम कर सकते हैं। चित्र में वस्तु के सापेक्ष टेबुल का वेग बायी ओर है। इसलिए वस्तु द्वारा टेबुल पर लगता घर्षण बल दाहिनी ओर है।
गतिज घर्षण परिमाण निकालने का नियम बड़ा ही सरल है। यदि दोनों वस्तुओं के बीच लगते अभिलंब बलों का परिमाण N हो, तो घर्षण बल का परिमाण
f = ukN
होता है, जहाँ uk उन सतहों की प्रकृति के लिए एक स्थिरांक है। सतहे अधिक चिकनी हों, तो uk का मान कम और कम चिकनी (खुरदरी) हों, तो uk का मान अधिक होगा। इस uk को उन सतहों के बीच गतिज घर्षण गुणांक (coefficient of kinetic friction) कहते है। प्राय यह गुणांक 1 से कम होता है, पर कुछ विशेष प्रकार की सतहों के बीच यह 1 से अधिक भी हो सकता है।
u के साथ subscript में k लगाकर यह याद दिलाया जा रहा है कि यह गतिज (kinetic) घर्षण का गुणांक है। यदि संदर्भ से यह बात स्पष्ट हो, तो इस गुणांक को सिर्फ u भी लिख सकते हैं।
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