) यदि दो बस्तुओं की सतह संपर्क में हों, पर एक-दूसरे पर फिसल नहीं रही हो, तो भी उनके बीच घर्षण Friction के बल लग सकते है। आप समझ रहे है न कि मैं बहुवचन का उपयोग क्यों कर रहा हूँ। दोनों वस्तुएँ एक-दूसरे पर घर्षण बल Frictional Force लगाती है और इसलिए सतहों के बीच दो घर्षण बल लगते हैं।
स्थितिज घर्षण Static Friction को समझने के लिए मैं एक उदाहरण लेता हूँ। आपके घर में कोई टेबुल तो अवश्य ही होगी। हो सकता है कि यह पुस्तक आप टेबुल पर रखकर ही पढ रहे हों। इस टेबुल को धीरे से हाथ से धक्का देने की कोशिश कीजिए। टेबुल फर्श पर नहीं सरकती। यदि क्षतिज दिशा में आपने उस पर थोड़ा-सा ही सही, पर एक बल F लगाया, तो टेबुल में त्वरण क्यों नहीं उत्पन्न हुआ और वह क्यों नहीं चली? अवश्य ही उसपर किसी ने उलटी दिशा में उतना ही बल लगाया होगा। तभी वह विराम की अवस्था में रही। परंतु, टेबुल पर यह बल कौन लग रहा है? आपके अलावा टेबुल के साथ संपर्क में सिर्फ फर्श है। इसलिए फर्श टेबुल के पैरों पर एक बल F लगा रही है जो आपके द्वारा लगाए गए बल की उलटी दिशा में है। यह बल घर्षण का बल है, क्योंकि यह फर्श और टेबुल के पैरों की सतहों के समानांतर लग रहा है। परंतु, टेबुल के पैरों की सतहें फर्श पर फिसल नहीं रही है। इसलिए, यह घर्षण स्थितिज घर्षण है।
आप अपना हाथ हटा लीजिए। टेबुल अब भी विराम अवस्था में है। अर्थात, फर्श ने भी पैरों पर घर्षण लगाना बंद कर दिया। आप टेबुल के दूसरी और चले जाइए एवं अब धीरे से टेबुल को धक्का लगाइए। अब भी टेबुल विराम अवस्था में है। आपने अपने बल की दिशा बदली, तो फर्श ने भी अपने बल की दिशा बदल ली। जरा अपना जोर थोड़ा बढ़ाइए। टेबुल अभी भी नहीं सरकी। आपने अपने बल का परिमाण बढ़ाया, तो फर्श ने भी अपने बल का परिमाण बढ़ा दिया। अर्थात, स्थितिज घर्षण का परिमाण तथा दिशा अन्य बलों पर निर्भर है। सतहों को एक-दूसरे पर नहीं फिसलने देने के लिए जितना तथा जिस दिशा में जरूरी हो उतना ही और उसी दिशा में स्थितिज घर्षण लगता।
परंतु, आपके द्वारा लगाए गए बल को संतुलित करने का फर्श का प्रयास सदा सफल नहीं होता। यदि आपने निश्चय ही कर लिया है कि टेबुल को खिसकाकर ही छोड़ेंगे तो आप अवश्य ही ऐसा कर सकते हैं। यदि आप एक निश्चित परिमाण से अधिक का बल लगा दें, तो फर्श आपकी बराबरी नहीं कर पाता और टेबुल खिसकने लगती है। अतः, स्थितिज घर्षण Static Friction का मान एक निश्चित सीमा से अधिक नहीं हो सकता। घर्षण का यह अधिकतम संभव मान सीमांत घर्षण (limiting friction) कहलाता है तथा यह सतहों के बीच लग रही अभिलंब प्रतिक्रिया के समानुपाती होता है।
fmax = usN
यहाँ us एक स्थिरांक है जिसे स्थितिज घर्षण गुणांक (coefficient of Static Friction) स्थितिज घर्षण Static Friction) कहते हैं। यह दोनों सतहों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
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