Sunday, February 27, 2022

विश्व में प्राथमिक शिक्षा Primary Education in World

विश्व में प्राथमिक शिक्षा Primary Education in World


अमेरिका में प्राथमिक शिक्षा Primary Education in America


6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए अमेरिका में प्राथमिक शिक्षा Primary Education की व्यवस्था की गई है। यहाँ प्राथमिक शिक्षा Primary Education को एलिमेण्टरी एजुकेशन कहा जाता है। इस एलिमेण्टरी या प्राथमिक शिक्षा Primary Education में छह कक्षाएँ होती हैं। अमेरिका के विभिन्न राज्यों में प्राथमिक शिक्षा Primary Education की अवधि अलग-अलग है। कहीं यह छह वर्षीय है, कहीं आठ वर्षीय है। जो बालक छह वर्षीय प्राथमिक शिक्षा Primary Education प्राप्त करता है वह छह वर्षीय माध्यमिक शिक्षा पाकर बारह कक्षाएँ पास कर लेता है। जो बच्चे आठ वर्षीय प्राथमिक शिक्षा Primary Education प्राप्त करते हैं उनके लिए चार ही वर्ष की माध्यमिक शिक्षा की व्यवस्था होती है। अमेरिका के प्राथमिक स्कूलों के तीन अनुभाग होते हैं—

(1) किण्डरगार्टन - 1 से तीसरी कक्षा तक, 

(2) मध्य भाग—जिसमें चार से 6 कक्षा होती हैं तथा 

(3) उच्च भाग - जिसमें सातवीं और आठवीं कक्षाएँ होती हैं। 

देश के लगभग 10 प्रतिशत बच्चे प्राय: ऐसे हैं जो माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करते हैं। गैर-सरकारी स्कूलों को वहाँ विशेष महन्त्र नहीं दिया जाता। अमेरिका में प्राथमिक शिक्षा Primary Education का प्रमुख उद्देश्य वैयक्तिक विकास करते हुए लोकतान्त्रिक गुणों का बच्चों में विकास करना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए शिक्षक स्वयं अपना व्यवहार लोकतान्त्रिक बनाए रखने का प्रयास करते हैं और ऐसी अध्यापन-विधियों का प्रयोग करते हैं जिससे लोकतान्त्रिक और वैयक्तिकता के सद्गुणों का विकास हो। शिक्षक स्वयं को एक लोकतान्त्रिक नेता एवं पथ-प्रदर्शक समझता है तथा बच्चों को इस प्रकार सहायता करता है कि वे स्वयं विविध बातें सीख सकें। शिक्षण-विधि में खेल-पद्धति का उपयोग करते हुए स्वयं करके सीखने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित किया जाता है। विश्व के अन्य देशों की अपेक्षा अमेरिका शिक्षा पर अत्यधिक व्यय करता है। यहाँ की एक विशेषता है कि नागरिक स्कूल के कार्यों में रुचि रखते हुए पूरा सहयोग देते हैं। पाठ्यक्रम का रूप व्यावहारिक होता है। अध्यापन हेतु को सुनिश्चित टाइम-टेबल नहीं रखा जाता। शिक्षकों और छात्रों को बहुत अर्थों में अपनी सुविधानुसार अध्यापन और अध्ययन के लिए छूट रहती है। यहाँ बच्चों में आत्म-नियन्त्रण, आत्मविश्वास और आत्म-निर्देशन की शक्ति का विकास किया जाता है। 


इंग्लैण्ड में प्राथमिक शिक्षा Primary Education in England


इंग्लैण्ड में प्रारम्भ से ही बालकों का ध्यान देश की परम्परा एवं संस्कृति की ओर आकर्षित किया जाता है। खेल-पद्धति के आधार पर बालकों को अनेक विषय पढ़ाए जाते हैं। शिक्षक अपने व्यवहार एवं आचरण का विशेष ध्यान रखता है, जिससे उससे बालक कोई अनुचित बातें न सीख लें। इंग्लैण्ड में प्राथमिक शिक्षा Primary Education के स्कूलों को प्राय: जूनियर स्कूल कहा जाता है। जूनियर स्कूल 7 से 11 वर्ष के बच्चों की शिक्षा अर्थात् प्राथमिक शिक्षा Primary Education की व्यवस्था करता है। यह शिक्षा अपने में पूर्ण होती है। अतः इस शिक्षा को पूर्ण करने पर बालक अपना वैयक्तिक एवं सामाजिक विकास करने में समर्थ हो सकता है। इस शिक्षा के आधार पर उसमें लोकतन्त्रात्मक प्रवृत्ति का भी विकास होता है। 


भारत में प्राथमिक शिक्षा Primary Education in India


भारत में संविधान के अनुसार प्राथमिक शिक्षा Primary Education को नि:शुल्क और अनिवार्य बना दिया गया है किन्तु अभी तक अच्छी तरह इसे अनिवार्य नहीं बनाया जा सका है। फलतः अनेक बच्चों ने अभी शिक्षा प्राप्त करना प्रारम्भ नहीं किया है। वस्तुतः शिक्षा के प्रति इस उदासीनता के लिए देश में व्याप्त निरक्षरता तथा माता-पिता अभी भी अपने बच्चों को स्कूल भेजना आवश्यक नहीं समझते। प्राथमिक शिक्षा Primary Education में अपव्यय एवं अवरोधन शिक्षा के प्रसार में भारी विघ्न उपस्थित करते हैं। ग्यारहवीं योजना में 100 प्रतिशत बच्चों को स्कूल भेजने का लक्ष्य था। अनुमान है कि निर्धनता के कारण हमारे देश में प्राथमिक शिक्षा Primary Education में अपव्यय होता है। भारत में प्राथमिक शिक्षा Primary Education का उद्देश्य बालक को योग्य बनाना है और इस स्तर पर बच्चे के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैतिक एवं भावात्मक विकास पर विशेष ध्यान देने का उद्देश्य निर्धारित किया गया है। भारत की प्राथमिक शिक्षा Primary Education के उद्देश्यों तथा अमेरिका और ग्रेट ब्रिटेन की प्राथमिक शिक्षा Primary Education के उद्देश्यों में पर्याप्त समानता है। यहाँ भी प्राथमिक शिक्षा Primary Education को क्रियात्मक बनाने का प्रयास दिखाई देता है। स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यहाँ की प्राथमिक शिक्षा Primary Education में कृषि एवं कुछ अन्य विषयों को स्थान दिया गया है। भारत में प्राथमिक शिक्षा Primary Education 6 से 11 वर्ष के बच्चों के लिए मानी जाती है। यह शिक्षा पंचवर्षीय होती है। हमारे यहाँ प्राय: दो प्रकार के प्राथमिक स्कूल होते हैं—

(1) सामान्य स्कूल-जहाँ शिल्प का शिक्षण नहीं होता तथा 

(2) बेसिक स्कूल-जिसमें शिल्प के माध्यम से शिक्षण की प्रमुखता होती है। 

सामान्यतः सभी प्राथमिक स्कूल, बेसिक स्कूल के स्वरूप में परिवर्तित हो गए हैं, किन्तु अभी नगरीय क्षेत्र में बहुत-से ऐसे प्राथमिक स्कूल पाए जाते हैं जो बेसिक स्कूल से कुछ भिन्न पाठ्यक्रम चलाते हैं। कोठारी कमीशन, 1964-66 ई० ने बेसिक शिक्षा को सात वर्षीय बनाने का सुझाव दिया है। इस सात वर्षीय प्राथमिक स्कूल में प्रथम चार कक्षाएँ निम्न प्राथमिक की तथा अन्तिम तीन कक्षाएँ उच्च प्राथमिक मानी जाएँगी। निम्न स्तर पर 6 से 10 वर्ष तथा उच्च स्तर पर 10 से 13 वर्ष के बच्चे शिक्षा प्राप्त करेंगे। अभी तक ऐसा कार्यक्रम लागू नहीं किया जा सका है। प्राथमिक शिक्षा Primary Education का यह स्वरूप अमेरिकी प्राथमिक स्कूलों के समान प्रतीत होता है। 

संसद ने छह से 14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्राथमिक शिक्षा Primary Education को मौलिक अधिकार बनाने के लिए संविधान के 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 को पारित किया। इस कानून को लागू करने के उद्देश्य से विस्तृत तन्त्र बनाने के लिए दूसरा विधेयक लाने का भी प्रस्ताव किया गया है। 

सर्वशिक्षा अभियान (एस०एस०ए०) योजना सन् 2001 में शुरू की गई थी। इस योजना के उद्देश्य हैं-

(i) 6 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के सभी बच्चे स्कूल/शिक्षा गारण्टी योजना केन्द्र ब्रिज पाठ्यक्रम में जाएँ, 

(ii) 6 से 14 वर्ष के आयु वर्ग के सभी बच्चे 2007 तक पाँच वर्ष की प्राथमिक शिक्षा Primary Education  पूरी कर लें, 

(iii) 6 से 14 वर्ष के आयु वर्ग के सभी बच्चे 2010 तक आठ वर्षों की स्कूली शिक्षा पूरी कर लें, 

(iv) सन्तोषजनक गुणवत्ता वाली प्राथमिक शिक्षा Primary Education पर मुख्य ध्यान दें, जिसमें जीवन के लिए शिक्षा पर जोर हो, 

(v) सभी प्रकार की लैंगिक और सामाजिक असमानता शुरुआती स्तर पर 2007 तक और प्राथमिक शिक्षा Primary Education स्तर पर वर्ष 2010 तक दूर हो, 

(vi) बीच में स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति 2010 तक पूरी तरह खत्म हो। 

एस०एस०ए० कार्यक्रम के तहत केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी 75 : 25 और उसके बाद 50 : 50 के अनुपात में है। ये कार्यक्रम पूरे देश में चलाए जा रहे हैं, जो 25 लाख रिहायशी इलाकों के 27.2 करोड़ बच्चों की जरूरतों को पूरा करते हैं। 

उपर्युक्त विवेचन से यह संकेत मिलता है कि हमारी भारतीय प्राथमिक शिक्षा Primary Education में ग्रेट ब्रिटेन की तरह सांस्कृतिक गुणों का एवं चारित्रिक गुणों का विकास, अमेरिका की तरह लोकतान्त्रिक गुणों का विकास और रूस की तरह श्रम के प्रति आदर उत्पन्न करने का उद्देश्य निहित है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए हमें प्राथमिक शिक्षा Primary Education के लिए अभी बहुत प्रयास करना है। इस स्तर पर हमें अपव्यय और अवरोधन (Wastage and Stagnation) को रोकना है। 

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