Science अपने हर नये Research के साथ Daily Life को सरल एवं उन्नत वातावरण को विकसित करने के लिए लगातार प्रयासरत रहा है। Science and Technology के नित नये Scientific Research से Communication, Education, Space, Medical, Agriculture, Transportation, Business, Energy, आदि क्षेत्रों में विभिन्न विस्तार एवं विकास हुए हैं। किसी भी नयी Technology के उपयोग से मनुष्य की दिनचर्या तथा कार्यशैली में सुधार आता है। अतः Science and Technology ने विभिन्न मूलभूत चुनौतियों का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से डटकर मुकाबला किया है। इन मूलभूत चुनौतियों में Agriculture, Business, Medical Services, घटते Natural Resources आदि हैं। आइए इन मूलभूत चुनौतियों को दूर करने के उद्देश्यों के साथ-साथ Agriculture, Business, Energy, Communication, Transportation आदि क्षेत्रों में जो विस्तार हो रहे हैं, उनका क्रमबद्ध अध्ययन करें।
1.Communication के क्षेत्र में
Communication मानव की प्रगति के लिए अति महत्वपूर्ण है। Communication के क्षेत्र में Telephone, Television, Computer, इलेक्ट्रॉनिक डाक सेवा (E-Mail) और Internet का प्रयोग जनसंचार के क्षेत्र में क्रान्ति के रूप में आए। Computer के आविष्कार के बाद Communication के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। Information Technology का प्रयोग कर Indian Post Department ने वर्ष 2001 में New Post Service प्रारम्भ की, जिसे E-Post का नाम दिया गया। बीसवीं शताब्दी में Communication के क्षेत्र में Mobile Phone जुड़ गया। Mobile Phone Technology अत्यन्त प्रभावशाली होकर Satellite के माध्यम से मानव के साथ जुड़ गया। इक्कीसवीं शताब्दी में यह नयी-नयी Technology से सुसज्जित होकर एक नए नाम (Smart Mobile) के साथ 3G (Third Generation), 4G (Fourth Generation), 5G (Fifth Generation) के रूप में उपलब्ध है। Communication के क्षेत्र में Video Conferencing WiFi (Wireless Feudality) एवं Y-MAX Technology भी वैज्ञानिकों की एक अद्भुत देन है। 3G, 4G एवं 5G प्रौद्योगिकी द्वारा Broadband, Wireless, Internet, Data, Video, Television के कार्यक्रम इत्यादि अब Mobile Phone पर आसानी से उपलब्ध है। बिना किसी बाधा के Video Clipping व Entertainment का आदान-प्रदान अब सम्भव हो गया है।
2. Education में Information और Communication Technology (ICT) के क्षेत्र में
Education के क्षेत्र में Education के स्तर को सुधारने के लिए ICT योजना को शुरू किया गया। इसके अन्तर्गत छात्रों को मुख्यतः अपनी ICT कौशल क्षमता बढ़ाने और Computer Aided Teaching Process के माध्यम से सीखने के अवसर प्राप्त हुए। यह योजना छात्रों के विभिन्न सामाजिक, योजना छात्रों के विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, Digital Device और अन्य भौगोलिक अवरोधों को पार करने का सेतु है। Education के स्तर को सुधारने के लिए विशिष्ट शिक्षकों की नियुक्ति की गयी, जो ICT केन्द्रित Education देने में समर्थ हो। School योजना में ICT के अन्तर्गत कई राज्यों एवं केन्द्र शासित राज्यों में Smart स्कूलों का अनुमोदन किया गया है। इसका उद्देश्य युवाओं को ICT का प्रयोग करते हुए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा तथा संस्थापन, जीविका और ज्ञान आधारित समाज की बढ़ोत्तरी में सृजनात्मक दृष्टि से तैयार करना है। यह Education के क्षेत्र में सहायक सामग्री के रूप में एक नयी क्रान्ति है जो बच्चों को खुशनुमा वातावरण एवं मनोरंजक तरीके से Education प्राप्त करने एवं विषय के प्रति भय को दूर करने में सहायक सिद्ध हो रही है। शैक्षिक अवसरों को विस्तृत करने, Higher Education के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास एवं Education की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ICT एक प्रभावशाली साधन है। Higher Education में बढ़ता नामांकन अनुपात तथा Education के विस्तार में प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता में ICT की भूमिका पर National Mission of Education बल देता है। ICT के अन्तर्गत Smart स्कूलों एवं E-books के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
3.Space Technology के क्षेत्र में
Indian Space Program के जनक डॉ. विक्रम साराभाई की अध्यक्षता में वर्ष 1962 में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इन्कोस्पार (INCOSPAR)) का एवं नवम्बर 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन Indian Space Research Organization ((ISRO) इसरो) का गठन हुआ। एक छोटे से Rocket प्रक्षेपण से शुरूआत करके अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी Space Technology एक ऐसे मुकाम पर पहुँच गयी है जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की थी। अब हमारे पास भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इन्सैट, (INSAT)) एवं भारतीय दूरसंवेदी उपग्रह, (आई.आर.एस. (IRS)) जैसी अत्याधुनिक उपग्रह प्रणाली मौजूद है। INSAT उपग्रह दूरसंचार, दूरदर्शन प्रसार, मौसम विज्ञान और प्राकृतिक आपदा चेतावनी के लिए तथा IRS प्राकृतिक संसाधनों के सर्वेक्षण के लिए प्रयोग होता है।
भारत ने दो प्रकार के उपग्रह प्रक्षेपण यानों की रूपरेखा तैयार कर इस्तेमाल योग्य बनाया है।
1. ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पी.एस.एल.वी. (PSLV)),
जिसमें भारतीय सुदूर संवेदी उपग्रह प्रक्षेपित किए जाते हैं
2. भू-स्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जी.एस.एल.वी. (GSLV))
जिसमें इन्सैट परिवार के उपग्रह छोड़े जाते हैं।
सितम्बर 2004 में भू-स्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV-F1) द्वारा प्रक्षेपित EDUSAT, भारत का पहला उपग्रह है जो Education के लिए समर्पित है। आकाशगंगा के केन्द्र के पास दूसरा सबसे बड़ा Black Hole जो सूर्य से लगभग एक लाख गुना बड़ा है पाया गया है। इसकी पुष्टि जापान के उपग्रह कीयो यूनिवर्सिटी Kiyo University द्वारा की गयी है। भारतीय अंतरिक्ष के अनुसंधान संस्थान मंगलयान Mangalyaan एवं चंद्रयान -1 Chandrayaan-1 सफल परीक्षण में सफल रहा।
4. Defense के क्षेत्र में
National Security के क्षेत्र में हमारे देश ने बहुत defense policy के उन्नति की है। भारतीय रक्षा एवं प्रतिरक्षा नीति Indian Defense Policy के अन्तर्गत अनुसंधान एवं विकास Research and Development के लिए रक्षा विज्ञान संगठन Defense Science Organization तथा कुछ अन्य तकनीकी विकास प्रतिष्ठानों को मिलाकर 'रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन' Defense Research Development Organization (डी.आर.डी.ओ. D.R.D.O.) का गठन 1958 में किया गया। रक्षा एवं प्रतिरक्षा के उद्देश्य से सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल 'पृथ्वी' Prithvi, अत्याधुनिक प्रणालियों से युक्त मुख्य युद्धक टैंक 'अर्जुन' Arjun, विमानों के लिए Flight Simulator, चालक रहित लक्ष्यभेदी विमान, बैकून बैरेज प्रणाली आदि D.R.D.O. की प्रमुख नवीनतम उपलब्धियाँ हैं। प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत Ballistic Missile, आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल आदि कार्यक्रम का प्रक्षेपण किया गया। जल अभियानों के संचालन के लिए समुद्री बेड़े और सामरिक मिसाइल तथा आकाशीय प्रक्षेपास्त्रों का विस्तार हुआ है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ने 1998 में पोखरण में द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक भूमिका निभायी। इन्हें Ballistic Missile और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास कार्यों के लिए भारत में Missile Man के रूप में जाना जाता है। रक्षा के क्षेत्र में आई एन एस (INS) कोच्चि, (INS) अरिहंत आदि युद्धपोतों का भी प्रयोग किया जा रहा है।
5. Medical के क्षेत्र में
पहले चिकित्सालयों में आधुनिक मशीनों जैसे Scanner, X-Ray, Endoscopy आदि का प्रयोग रोगों के जाँच के लिए किया जाता था। परन्तु वर्तमान समय में बढ़ती हुई घातक बीमारियों से बचने एवं रोकथाम के लिए यह व्यवस्था पर्याप्त नहीं थी। अतः आधुनिक चिकित्सा पद्धति के अन्तर्गत निदानमूलक एवं उपचारमूलक तकनीक का प्रयोग हुआ। ये निदानमूलक एवं उपचार मूलक तकनीक हैं - Radiography, Angiography, Computed Tomography (C.T.) Magnetic Resonance Imaging (M.R.I.), Sonography आदि हैं। चिकित्सा Medical के क्षेत्र में टेलीचिकित्सा भी नवीनतम उपलब्धि है। इसके अन्तर्गत 5-6 घंटे के अन्दर विश्व को किसी भी चिकित्सा विशेषज्ञ से विचार-विमर्श करके रोगी का चेकअप कराया जा सकता है। चिकित्सा के नवीनतम उपलब्धियाँ में अंग प्रत्यारोपण तकनीक, Hemodialysis Prothesis आदि हैं। भारत ने जीका विषाणु के लिए जीका बैक नामक टीके की खोज की है।
6. Agriculture के क्षेत्र में
आधुनिक युग में कृषि के Modern उपकरणों, उन्नतशील बीजों, उर्वरकों और पर्याप्त सिंचाई के साधनों के प्रयोग से कृषि उपज बढ़ाने में पर्याप्त सफलता प्राप्त हुई है। कृषि एवं खाद्यान्न के क्षेत्र में हरित क्रान्ति, पीली क्रान्ति, भूरी क्रान्ति आदि विभिन्न योजनाओं के द्वारा क्रान्तिकारी सफलता प्राप्त हुई। कृषि प्रधान देश होने के कारण, कृषि क्षेत्र की क्षमता का अत्यधिक दोहन ही अभिनव कृषि का उद्देश्य है। इसके तहत उन्नत पैदावार के लिए जैव कृषि यानी हरी खाद के प्रयोग पर बल दिया गया। हरी खाद भूमि को पोषण प्रदान करती है और रासायनिक उर्वरकों की भाँति भूमि को कोई क्षति भी नहीं पहुंचाती है। अभिनव कृषि के अन्तर्गत जैव पीड़क कीट नियंत्रण विधि एवं नाइट्रीकरण निरोधक का प्रयोग हो रहा है। कृषि के क्षेत्र में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। जहाँ जल की उपलब्धता का अभाव है वहाँ छिड़काव तंत्र एवं ड्रिप तंत्र विधि का प्रयोग होता है।
7. परिवहन Transportation के क्षेत्र में
Transportation के क्षेत्र में व्यापक प्रगति से सुदूर क्षेत्रों में बसे ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने में सुविधा हुई है। Transportation के क्षेत्र में प्रगति के कारण दिनों में पूरी होने वाली यात्रा आज चंद घंटों में पूरी हो जाती है। Railway, highway, जल और वायु परिवहन के क्षेत्र में यद्यपि विकास तेजी से हुआ है परन्तु विश्व की अग्रणी पंक्ति में अपना स्थान सुनिश्चित करने के लिए Science एवं Technology लगातार प्रयासरत है। Transportation के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक के अन्तर्गत Metro Train, Bullet Train एवं Mono Rail आदि चलने लगे हैं। Environment को Pollution से बचाने के लिए E-Riksha, एवं CNG. गाड़ियों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। रेलों की स्पीड बढ़ाकर रेल यातायात को नवीन रूप देने का प्रयास किया जा रहा है।
8. विनिर्माण Production के क्षेत्र में
कच्चे माल Raw Material को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन Production को विनिर्माण या वस्तु निर्माण कहते हैं। Production के अन्तर्गत हस्तकला Handart से लेकर High Technology तक बहुत सी मानवीय गतिविधियाँ आ जाती हैं किन्तु इस का उपयोग प्रायः Industrial Production के अर्थ में किया जाता है, जिसमें कच्चा माल Raw Material बड़े पैमाने पर तैयार माल में बदला जाता है। Production से तैयार माल उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग किया जाता है। Production क्षेत्र रोजगार सृजन को बढ़ावा देने में काफी हद तक सफल रहा है। Production क्षेत्र किसी भी Economy की सम्पन्नता का जनक होता है। इसका विकास हमारे प्राकृतिक और कृषि संसाधनों के मूल्य संवर्धन के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमारी नीतिगत आवश्यकताओं को पूरा करने और संपोषणीय विकास की दृष्टि से भी Production क्षेत्र का संवर्धन जरूरी है। राष्ट्रीय विनिर्माण नीति National Production Policy में राष्ट्रीय विनिर्माण और निवेश Investment क्षेत्रों की स्थापना, व्यापार के नियमों को युक्तिसंगत और सरल बनाना, बीमार इकाइयों को बन्द करने की व्यवस्था को सुगम बनाना, औद्योगिक प्रशिक्षण Industrial Training और कौशल उन्नयन के उपाय बढ़ाना और विनिर्माण Production इकाइयों और सम्बन्धित गतिविधियों में अंशधारिता / पूंजी लगाने के लिए भी प्रोत्साहन देना शामिल है।
9. उद्योग Industries के क्षेत्र में
पहले देश में उद्योग धंधे बहुत कम थे। किन्तु आज हमारा देश Industrial Area में बहुत तरक्की कर चुका है। उद्योगों के कारण गुणवत्ता वाले Product सस्ते दामों पर आसानी से उपलब्ध होने लगे और लोगों के रहन सहन के स्तर में अत्यधिक परिवर्तन दिखने लगा। वर्तमान समय के प्रमुख Industries है - खनन उद्योग Mining Industry, लौह एवं इस्पात उद्योग iron and steel industry, सीमेंट उद्योग Cement Industry, कोयला उद्योग Coal Industry, पेट्रोलियम उद्योग Petroleum Industry, कपड़ा उद्योग textile industry, रत्न एवं आभूषण उद्योग gems and jewelery industry, चीनी उद्योग Sugar Industry आदि। BALCO, HINDALCO और NALCO आदि Aluminum Industry के कारखाने हैं। ONGC और OIL Petroleum Industry के कारखाने हैं। मथुरा में Mathura Refinery हैं। उद्योगों के क्षेत्र में देश को अग्रणी बनाने के लिए MAKE IN INDIA योजना को शुरू किया गया। इसके तहत विदेशों के कई निवेशकों को भारत में विभिन्न व्यवसायों में पैसा लगाने के लिए एक अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत में बने हुए उत्पादों के लिए National और International स्तर पर घरेलू Company के साथ ही बहुउद्देशीय कम्पनियों को अवसर देने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
10. ऊर्जा Energy के क्षेत्र में
आज कई तरह के Energy Source इस्तेमाल में लाये जाते हैं जैसे कि कोयला Coal , पेट्रोलियम Petroleum, प्राकृतिक गैस Natural Gas, नाभिकीय ऊर्जा Nuclear Energy, पवन ऊर्जा Wind Energy, सौर ऊर्जा Solar Energy आदि। Energy के कुछ स्रोतों को लगातार इस्तेमाल किया जा या एक निश्चित अवधि के बाद पुनः पूर्ति की जा सकती है। इस प्रकार के ऊर्जा के स्रोतों को नवीकरणीय या अक्षय ऊर्जा स्रोत Renewable Source of Energy कहते हैं। कुछ ऐसे Energy Source हैं जिनकी पुनः पूर्ति नहीं की जा सकती है। इस प्रकार के ऊर्जा स्रोतों को अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत Non Renewable Source of Energy कहते हैं। वर्तमान में अधिकांश Energy हम अनवीकरणीय स्रोतों Non Renewable Source of Energy से ही प्राप्त करते हैं। इन Energy स्रोतों के भण्डार सीमित हैं और इनके खत्म होने में अब बहुत ज्यादा समय नहीं लगेगा। अनुमानतः वर्तमान और भविष्य की Energy की माँग को देखते हुए विश्वभर मे स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों Clean and Renewable Energy (सौर, पवन, जल, बायोगैस, समुद्री, नाभिकीय एवं भू-तापीय ऊर्जा आदि) के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इनके प्रयोग से पर्यावरणीय क्षति और Global Warming से भी बचा जा सकता है। नवीकरणीय ऊर्जा Renewable Energy के स्रोत सर्वाधिक व्यापक और असीमित ऊर्जा के स्रोत हैं। अन्य Renewable Energy स्रोतों की तुलना में सौर ऊर्जा Solar Energy सबसे महत्वपूर्ण एवं कम प्रदूषणकारी है। इसी क्रम में जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन योजना की शुरूआत हुई। इस मिशन का उद्देश्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है।
11. व्यापार एवं वाणिज्य Trade and Commerce
व्यापार Trade का अर्थ है क्रय और विक्रय एवं वाणिज्य Commerce का अर्थ है - धन प्राप्ति के उद्देश्य से वस्तुओं का क्रय-विक्रय। आरम्भ में व्यापार Trade एक सामान के बदले दूसरा सामान लेकर किया जाता था। बाद में वस्तुओं के बदले धातु, सिक्के, हण्डी (BILL) अथवा पत्र मुद्रा से हुई। मुद्रा Currency के आविष्कार के बाद व्यापार में बहुत सरलता और सुविधा हो गयी। आधुनिक युग में मुद्रा Currency के स्थान पर Credit Card का प्रयोग व्यापार Trade में होने लगा। नवीनतम Technology के अन्तर्गत व्यापार Trade एवं वाणिज्य Commerce ई-व्यवसाय/ ई-कॉमर्स E- Commerce के रूप में प्रचलित है। यह Internet के माध्यम से व्यापार Trade का संचालन है। इसके अन्तर्गत न केवल खरीदना और बेचना बल्कि ग्राहकों के लिए सेवाएँ और व्यापार Trading के भागीदारों के साथ सहयोग भी शामिल है। Internet के माध्यम से व्यापार Trade से सम्बन्धित उत्पादों का प्रचार-प्रसार भी किया जाता है। E-Commerce में Mobile Commerce, Electronic Money Transfer, आपूर्ति श्रृंखला प्रबन्धन supply chain management, इन्टरनेट विपणन internet marketing, Online लेनदेन प्रसंस्करण Online Transaction Processing, सूची प्रबंधन प्रणाली inventory management system आदि प्रौद्योगिक सेवाएँ हैं। Flipkart, Snapdeal, Amazon, आदि E-Commerce कम्पनियाँ हैं जो आम जनजीवन में काफी प्रचलित है एवं अच्छा व्यवसाय कर रही हैं।
12. E-Governance के क्षेत्र में
सरकार की आम नागरिकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं को Internet के माध्यम से उपलब्ध कराना E-Governance या ई-शासन कहलाता है। इसके अन्तर्गत शासकीय सेवाएँ और सूचनाएँ Online उपलब्ध होती हैं। यह 'अच्छे शासन' का पर्याय बनता जा रहा है। E-Governance के उपयोग से शासन प्रणाली अधिक पारदर्शी, कुशल तथा जवाबदेह बनाई जा सकती है। इसके अन्तर्गत शासन सम्बन्धी सभी सूचनाओं को Internetपर उपलब्ध करा दिया जाता है। School में दाखिला हो, Bill भरना हो या आय-जाति का प्रमाणपत्र Income/ Caste Certificate बनवाना हो, सभी मूलभूत सुविधाएँ Hindi में भी उपलब्ध हैं। केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के विभिन्न विभाग नागरिकों, व्यापारियों और सरकारी संगठनों को ही नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग को Information and Technology की सहायता से विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। 18 मई 2006 में शुरू राष्ट्रीय ई-शासन (NEGP) के तहत सम्पूर्ण भारत में साझा सेवा केन्द्र (CAC) स्थापित किए गए हैं। ये साझा सेवा केन्द्र आम आदमी को सीधे तौर पर लाभान्वित कर सहज, सुलभ और उनके घर तक सरकारी सुविधाएँ उपलब्ध कराने का अथक प्रयास कर रहे हैं। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017 में नयी युग के प्रशासन के लिए एकीकृत Mobile Application UMANG (Unified Mobile Application for New Age Governance) लॉच किया गया। यह App नागरिकों को सरकारी व निजी क्षेत्रों की सेवाओं की जानकारी एक ही स्थान पर प्रदान करता है।
Know More
- 3-G, 4-G एवं 5-G Mobile की Latest Technology है।
- Education के स्तर को सुधारने के लिए ICT योजना का आरम्भ दिसम्बर 2004 में हुआ।
- भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम Indian Space Program, डॉ. विक्रम साराभाई की संकल्पना है।
- EDUSAT भारत का पहला उपग्रह है जो Education के लिए समर्पित है।
- टेलीचिकित्सा Telemedical नवीनतम चिकित्सा प्रणाली है।
- छिड़काव तंत्र एवं ड्रिप तंत्र सिंचाई के साधन है।
- डिजिटल इण्डिया, E-Governance की उपलब्धि है।
- विनिर्माण, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए काफी सफल माध्यम है।
- E-Commerce, E-Governance आदि Digital India की देन है।
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