नोबेल अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन द्वारा गरीबी मापकों के लिए सुझाए गए अनिवार्य गुण निम्नलिखित हैं-
(1) केंद्रण Focus
गरीबी मापक को गैर-गरीबों की आय में परिवर्तन से प्रभावित नहीं होना चाहिए। दूसरे शब्दों में, इस मापक को केवल गरीबों की आय पर निर्भर करना चाहिए क्योंकि समाज में गरीबी का अनुपात गरीबी रेखा से ऊपर वाले वर्ग की आय से प्रभावित नहीं होता।
(2) सममिति Symmetry
गरीबी मापक किन्हीं दो परिवारों की आय में परस्पर परिवर्तन से प्रभावित नहीं होना चाहिए अर्थात् गरीबी सूचक को मापक के पैमाने से नहीं बँधे रहना चाहिए। यदि सभी अभिलक्षण स्थिर रहते हुए जनसंख्या दुगुनी हो जाए तो गरीबी का अनुमान स्थिर रहना चाहिए।
(3) जन समष्टि से स्वतंत्रता Population Independence
यदि दो या अधिक समरूप जन समष्टियों का योग कर दिया जाए तो भी गरीबी का सूचक अपरिवर्तित रहना चाहिए। दूसरे शब्दों में, समरूप जन समष्टियों की पुनरावृत्ति या योग का गरीबी सूचक पर कोई प्रभाव नहीं होता।
(4) एकदिशता Monotonicity
इस नियम के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे किसी व्यक्ति की आय में वृद्धि से गरीबी सूचक के मान में कमी होनी चाहिए और यदि ऐसी प्रत्येक घटना के साथ गरीबी सूचक में कमी आती है तो सूचक की एकदिशता 'सशक्त' (SM) होती है किंतु याद आय में वृद्धि के बाद भी वह व्यक्ति गरीब ही बना रहता है तो एकदिशता की प्रकृति 'अशक्त' (WM) मानी जाती है। इन SM और.WM में भेद यही है कि व्यक्ति को गरीबी से बाहर निकाल पाने में असफल आय की वृद्धि WM दर्शाती है जबकि SM वह आय वृद्धि है जो व्यक्ति को गरीबी रेखा से ऊपर ले जाती है। इस प्रकार, WM, SM में निहित है।
(5) आय-अंतरण Transfer
दो गरीब परिवारों के बीच प्रतिगामी आय अंतरण अर्थात् विषमता में वृद्धि से गरीबी सूचक में वृद्धि होनी चाहिए जबकि प्रगतिशील अंतरण अर्थात् विषमता निवारण से सूचक में उस समय भी गिरावट आएगी जबकि दोनों परिवार अंतरण के बाद भी गरीब ही बने रहें। दूसरे शब्दों में, सूचक को गरीब परिवारों के बीच विषमता के स्तर के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
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