Wednesday, June 16, 2021

Insurance Amendment Bill 2021 क्या है

भारत सरकार ने संसद में एक Bill रखा है । इस Bill के तहत insurance के क्षेत्र में FDI ( Foreign Direct Investment) की सीमा को बढ़ाया जा रहा है । यह सीमा अब तक 49% कि थी जिसे बढ़ाकर  74% कर दिया गया है ।  इस bill के statement के अनुसार " सरकार के FDI की नीति के उद्देश्य को पूरा करने हेतु, जिससे देश मे  घरेलू स्तर पर हमे लम्बी अवधि की पूंजी, skill तथा तकनीकी मिल सके । इससे देश के Insurance sector का लाभ गरीब तबके वाले लोगो को भी मिलेगा ।" 

जब जब FDI बढ़ाना होता है जरूरी नही तब तब Bill आएगा क्योंकि इसके लिए हमारे पास Insurance Act 1938 है । जिसमे बताया गया है कि Insurance सरकार के अधीन होगा । लेकिन समय पहले Private Companies को शामिल किया गया था अब विदेशी companies को शामिल किया जा रहा है कि कितना भाग FDI के रूप में आएगा ।  इस act में संसोधन के कारण ही यह संसद में जायेगा । साल 2000 में पहले बार Insurance Sector में FDI लाया गया था । तब इसका percentage 26% था । फिर 2015 में इसे बढ़ाकर 49% किया गया अब इसे 2021 में बढाकर 74% कर दिया गया है ।

मल्होत्रा कमेटी (1997) ने Insurance sector का Privatization करने तथा FDI के प्रवेश की बात रखी थी । और इसी की सिफारिशों पर  IRDAI (बीमा नियामक) बनाया गया था ।

Insurance दो प्रकार के होते है -


1. Life Insurance

किसी की मृत्यु हो जाने पर  इस प्रकार का Insurance का फायदा मिलता है इसमें दोनो प्रकार की Company कार्य कर रही है । Private भी और Government भी । LIC एक GOVERNMENT Insurance Company है ।


2. General Insurance

यह एक सामान्य Insurance Scheme है । इसमें Government Company है -  Oriental Insurance Company, New India Insurance Company, GIC, United Insurance Company.


3. Re - Insurance

यह Insurance Comanies का insurance है । उदाहरण के तौर पर यदि इस insurance company ने बहुत सारी Car का insurance कर दिया और भगवान न करे उन सभी car का एक साथ एक्सीडेंट हो जाता है उस केस में यह Insurance Company तो बर्बाद हो जाएगी इस केस में यह Insurance Company दूसरी insurance company को premium देती है कि कभी ऐसा होगा तो तुम मेरी help करोगी ।


Insurance Amendment Bill 2021 क्या है

संसद ने यह bill पास कर दिया है । इसका मुख्य लक्ष्य भारत मे Foreign Insvestment को बढ़ावा देना है । पहले विदेशी Company Indian Insurance में केवल 49% invest कर सकते थे बाकी 51% share भारत के पास रहता था । अब यह विदेशी Investment 74% कर दिया गया है जिससे यही कोई विदेशी company 51% से ज्यादा invest करती है तो Company की Ownership और Control उस विदेशी investment company के पास चली जायेगी । लेकिन सरकार इसमे अपनी कोई न कोई terms और Conditions जरूर involve करेगी ।

उदाहरण के तौर पर मान कर चलो आपने एक Insurance लिया जिसमे आप हर महीने 2000 रुपये जमा करते है जिससे सालभर में 24000 रुपये इस insurance Company को जमा हो जाते है । और आपने वो insurance 30 साल तक लिया तो 30 साल में आपके 72000 रुपये जमा हो गए। वह insurance company इस पैसे को अलग अलग जगह invest करती है जिससे अच्छा profit कमा सके । इसपे Interest add होता है । पहले सरकार का यह नियम था कि आप यह investment केवल assets में कर सकते थे ।  क्योंकि जनता का पैसा ऐसे share  बाजार में न लगा दे जो रिस्की हो जिससे जनता का पैसा डूब ना जाये । अब यह सारे restriction हटा दिए गए है । यह डिसिशन अब insurance company का होगा सरकार का नही । insurance company जहां चाहे वहाँ invest कर सकती है । इसके निम्न फायदे होंगे -

यह bill insurance sector में capital availability को increase करेगा। क्योंकि पहले केवल 49% की foreign funding मिल रही थी अब 74% की foreign funding मिल रही है ।  

अब small insurance company के पास भी FDI आ सकता है । जिससे उन्हें बहुत फायदा होगा क्योंकि छोटी company के पास खुद का इतना ज्यादा पैसा नही होता है ।

इससे insurance company के बीच competition होगा जिससे insurance premium कम हो जाएगा । जिससे अधिक profit होगा ।

यह देश के Insurance penetration को improve करेगा ।


Insurance Penetration क्या है 

यह देश के Insurance Sector  के Development को दर्शाता है । यह Total Insurance Premiums और GDP  का अनुपात है ।

अर्थात Insurance Penetration = Total Insurance Premiums / GDP

हमारे देश का Insurance Penetration , 3.71% है ।


Insurance Density क्या है

यह Insurance Premium और Population का अनुपात है । अर्थात

Insurance Density = Insurance Premium/ Population

india में 2001 में insurance density $11.5 तथा 2019 में $78 थी ।

इस bill में कुछ chalanging situtation भी create हो रही है । जब FDI investment rate 49% थी तब उसके कुछ targate रखे गए थे जो प्राप्त नही हो पाए इस प्रकार कुछ experts का मानना है जब आप 49% FDI होते हुए भी वो टारगेट प्राप्त नही कर पाए तो क्या गारंटी है कि वे FDI के 74% होने पर प्राप्त हो जायेगे ।

सरकार ने सारी  restriction हटा दी अब insurance company जहां चाहे वहां invest कर सकती है और वे शेयर market का सहारा भी जरूर लेंगी जो बहुत रिस्की है जिससे जनता का सारा पैसा डूब भी सकता है ।

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