जिस हवाई जहाज में सैकड़ों यात्री बैठे होते हैं वही जहाज जब आकाश में उड़ रहा होता है, तो जमीन से वह एक चिड़िया जैसा दिखता है। नदी के तट पर खड़ी नाव को नदी तट से देखने पर वह काफी बड़ी दिखती है, लेकिन बीच नदी में जाने पर वही बहुत छोटी-सी दिखाई देती है। वस्तुतः हम किसी वस्तु को कितना बड़ा देखते हैं, यह रेटिना पर बने उस वस्तु के प्रतिबिंब के आकार (size) पर निर्भर करता है।
चित्र में आप देख सकते हैं कि जब किसी वस्तु को आँख से दूर ले जाया जाता है, तो रेटिना पर बना प्रतिबिंब छोटा हो जाता है; इसलिए वही वस्तु छोटी दिखने लगती है। इस चित्र से आप यह भी देख सकते हैं कि रेटिना पर बने प्रतिबिंब की लंबाई आँख पर वस्तु द्वारा बनाए कोण θ के लगभग समानुपाती होती है। इस कोण को दर्शनकोण (visual angle) कहते हैं। माइक्रोस्कोप, टेलीस्कोप आदि प्रकाशीय यंत्र इस कोण को बढ़ाने का काम करते हैं ताकि वस्तु अधिक स्पष्ट रूप से दिखे।
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