यदि m द्रव्यमान वाली एक वस्तु पर परिणामी बल F लग रहा हो, तो किसी जड़त्वीय निर्देश तंत्र से देखने पर उस वस्तु का त्वरण F/m के बराबर होगा।
a=F/m
या F = ma.
कई बार हम सोचते हैं कि न्यूटन के द्वितीय गति-नियम से ही पहला गति-नियम सिद्ध हो जाता है। यदि समीकरण में हम F को शून्य कर दें, तो a भी शून्य हो जाता है। परंतु, फिर भी प्रथम गति-नियम को एक अलग नियम माना जाता है। ऐसा इसलिए कि दूसरे गति-नियम में जड़त्वीय निर्देश तंत्र की बात कही गई है। जड़त्वीय निर्देश तंत्र में नापा गया त्वरण a = F/m होता है। पर जड़त्वीय निर्देश तंत्र है क्या? इसका पता तो न्यूटन के प्रथम गति-नियम से ही चलता है। अतः, दोनों का अपना-अपना अलग महत्त्व है।
अब हम नीचे विस्तार से देखेंगे कि न्यूटन के गति-नियम में क्या-क्या ध्यान देने की बातें हैं।
(a) यह सिर्फ जड़त्वीय निर्देश तंत्र के लिए ही लागू है। यदि वस्तु का त्वरण घूमती हुई चकती के सापेक्ष या रफ्तार पकड़ती रेलगाड़ी के सापेक्ष नापा जाए, तो न्यूटन के प्रथम या द्वितीय गति-नियम का उपयोग हम नहीं कर सकते।
(b) जिस वस्तु का त्वरण के समीकरण में लिखा जा रहा है, उसी वस्तु का द्रव्यमान m तथा उसी वस्तु पर लगते परिणामी बल F को लिखना है। ऐसा नहीं कि द्रव्यमान एक वस्तु का लिख रहे हैं और त्वरण दूसरी का, या त्वरण एक का लिखें और बल दूसरे पर। इसलिए, किस वस्तु के लिए समीकरण लिखना है, यह बिलकुल स्पष्ट रहना चाहिए। गति-नियम का समीकरण लिखने के पहले उस वस्तु को अच्छी तरह मन में निश्चित कर लें जिसके लिए हम समीकरण लिख रहे हैं। उस वस्तु का नाम भी कहीं लिख लें, जिससे ध्यान रहे कि किस वस्तु के लिए हम यह समीकरण लिख रहे हैं।
(c) वस्तु पर लगते सभी बलों का परिणामी में F लिखना है। ध्यान दें कि वस्तु पर लगनेवाले बलों को देखना है, न कि वस्तु द्वारा लगाए गए बलों को देखना है। और, वस्तु पर लगनेवाले सभी बलों को देखना है, ऐसा न हो कि कोई छूट जाए। इसके लिए अच्छा यह होगा कि एक अलग चित्र बना लें जिसमें एक-एक कर वस्तु पर लगते सभी बलों को तीर लगे सदिश रेखाखंड द्वारा दिखाएँ। हर रेखाखंड के पास उस बल का नाम; जैसे, F, N, mg आदि लिख ले। सभी सदिश रेखाखंड एक ही बिंदु से खींचें और एक बार फिर देख लें कि सभी बलों के लिए रेखाखंड खींच लिए गए हैं।
(d) न्यूटन का दूसरा गति-नियम सदिशों के बीच समीकरण है। त्वरण की दिशा वही होगी जो परिणामी बल की दिशा होगी। हम किसी भी दिशा में सभी बलों के घटक ले सकते हैं तथा इनको जोड़ सकते हैं। इस दिशा में त्वरण का घटक a= F/m से प्राप्त कर सकते हैं, अर्थात कोई दिशा निश्चित कर यदि उसे x अक्ष कह दें, तो न्यूटन के नियम से, Fx =max, होगा।
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