Saturday, May 22, 2021

जड़त्वीय या जड़ीय निर्देश तंत्र क्या है What is Inertial frame of reference | Physics

 गति हमेशा सापेक्ष होती है। मेरे कमरे के सापेक्ष मेरी कुर्सी स्थिर है, पर सूर्य के सापेक्ष मेरी कुर्सी स्थिर नहीं है। यदि मैं कुर्सी को हाथ भी न लगाऊँ, तो भी वह एक वर्ष में सूर्य के चारों ओर एक बड़े से वृत्त में चक्कर लगाएगी। किसी वस्तु का वेग या त्वरण कहने के पहले वह निर्देश तंत्र सुनिश्चित होना चाहिए जिसके सापेक्ष हम गति की बात कर रहे हैं। प्रायः जब हम धरती के निर्देश तंत्र के सापेक्ष गति की बात करते हैं, तो उसका उल्लेख नहीं करते। पर, हमें पता होता है कि हम धरती के सापेक्ष यह बात कर रहे हैं। 

मान लें कि एक मक्खी शीशे के एक डिब्बे में अंदर की दीवार पर बैठी है। उस डिब्बे को किसी ऊँचाई से नीचे गिरा दिया गया है। डिब्बे के साथ ही एक पत्थर को भी उसी स्थान से नीचे गिरा दिया गया है। किसी समय में जितनी दूर डिब्बा गिरता है, उतनी ही दूर पत्थर भी गिरता है और इसलिए सदा मक्खी की आँखों के सामने रहता है । मक्खी को भौतिकी का अच्छा ज्ञान है और वह पत्थर की गति का अध्ययन करती है। वह अपने बक्से पर x-y-z- अक्ष बनाती है और पत्थर के निर्देशांक का निर्धारण करती है। चूँकि पत्थर हमेशा मक्खी के सामने ही रहता है, बक्से के सापेक्ष उसका कोई भी निर्देशांक नहीं बदलता और मक्खी पाती है कि पत्थर स्थिर है। परंतु, मक्खी को यह भी पता है कि धरती पत्थर पर नीचे की ओर बल mg लगा रही है। पत्थर पर कोई दूसरा बल नहीं लग रहा है, क्योंकि यह न तो किसी सतह पर रखा है, न ही किसी डोरी या स्प्रिंग से बँधा है और न ही किसी वस्तु के संपर्क में है। अतः, उसपर परिणामी बल mg लगा है। अर्थात, यदि हम बक्से के निर्देश तंत्र से काम करें, तो पत्थर का त्वरण शून्य है जबकि उसपर लगता परिणामी बल शून्य नहीं है। बक्से के निर्देश तंत्र से न्यूटन के प्रथम गति-नियम का उपयोग करना उचित नहीं है। 

अतः, न्यूटन का प्रथम गति-नियम सभी निर्देश तंत्रों में सही नहीं है। जिन निर्देश तंत्रों में न्यूटन का प्रथम गति-नियम सही होता है उन्हें हम जड़त्वीय या जड़ीय निर्देश तंत्र कहते हैं। सच पूछे तो धरती का निर्देश तंत्र भी पक्के तौर पर जड़त्वीय निर्देश तंत्र नहीं है। परंतु, यह जड़त्वीय निर्देश तंत्र के काफी नजदीक है और हम सामान्य कार्यों के लिए इसे जड़त्वीय निर्देश तंत्र ही मानेंगे। 

यदि निर्देश तंत्र के बारे में कुछ न कहा जाए, तो आप यह मान कर चलें कि यह निर्देश तंत्र पृथ्वी से जुड़ा है और जड़त्वीय है। 

न्यूटन के प्रथम गति-नियम को हम जड़त्वीय निर्देश तंत्र की परिभाषा की तरह भी सोच सकते हैं। जिस निर्देश तंत्र में शून्य परिणामी बल लगने से कण का त्वरण शून्य होता है उसे जड़त्वीय निर्देश तंत्र कहते हैं। 

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