शेयर धारकों को शेयर संबंधित क्रियाकलाप स्टॉक एक्सचेंज में उनकी खरीद-फरोख्त में उनके मूल्यों में अत्यधिक अस्थिरता का सामना करना पड़ता है इसे इक्विटी शेयर या Scrip भी कहते हैं। म्युचुअल फंड, इस जोखिम को सामूहिक रूप से उठाते हैं, अतः शेयर धारक के लिए जोखिम में कमी आ जाती है।
म्युचुअल फंड के संचालक, विशेषज्ञता प्राप्त वे संस्थान हैं जो जनता से धन इकट्ठा कर, अनुसंधान, पीछे की जानकारी, कंपनी का प्रदर्शन आदि का विश्लेषण करके ऐसी कंपनियों या परियोजनाओं में निवेश करते हैं, जहां से निवेशकों को अधिकाधिक लाभ प्राप्त हो सके। म्युचुअल फंड के माध्यम से निवेशकों को कई विकल्प मिलते हैं; जैसे- अर्जित किया हुआ लाभ, पुनर्निवेश करना या उसे अपनी सुविधानुसार वापस ले लेना इत्यादि।
यहां यह स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि म्युचुअल फंड, जोखिम को पूरी तरह समाप्त नहीं कर सकते, बल्कि उसके प्रभाव को कम अवश्य कर सकते हैं। म्युचुअल फंड संचालक, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र, दोनों में ही उपस्थित हैं। इनमें प्रमुख हैं- यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया; इसके अतिरिक्त अन्य निजी और विदेशी कंपनियां भी इस क्षेत्र में शामिल हैं। अब ऐसा प्रतीत होने लगा है कि भारत का मध्यम वर्ग म्युचुअल फंड के माध्यम से निवेश को ज्यादा वरीयता देता है।
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