भारतीय डाक भुगतान बैंक (Indian Post Payment Bank: IPPB) की शुरुआत 1 सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। यह भारत सरकार के डाक विभाग और संचार मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है, जिसमें उसकी 100 फीसदी हिस्सेदारी है। गांव-गांव तक बैंकिंग के प्रसार के लिए भारतीय डाक सेवा (Indian Post Office) के माध्यम से इस बैंकिंग प्रणाली की शुरुआत की गई। इस बैंक की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं-
- आईपीपीबी में तीन अलग-अलग तरह के बचत खाते खोले जा सकते हैं- रेगुलर, डिजिटल और बेसिक सेविंग्स अकाउंट। इन तीनों ही खातों पर ग्राहकों को 4% सालाना ब्याज मिलेगा, लेकिन ब्याज की कम्पाउंडिंग तिमाही आधार पर होगी।
- रेगुलर सेविंग्स अकाउंट को जीरो बैलेंस से ऑनलाइन भी खुलवाया जा सकता है। इस खाते में न्यूनतम राशि रखने का प्रावधान नहीं है।
- इस खाते को पोस्ट ऑफिस के बचत खाते से जोड़ा जा सकता है। इस खाते में 1 लाख रुपये तक ही जमा किया जा सकता है। 1 लाख से ज्यादा की रकम को पोस्ट ऑफिस के बचत खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
- आईपीपीबी में कोई डेबिट कार्ड या चेक बुक नहीं मिलती है। एटीएम कार्ड की बजाय ग्राहकों को एटीएम कार्ड जैसा ही एक कार्ड दिया जाएगा जिसपर QR कोड प्रिंट होगा। क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन करके बिना बैंक अकाउंट और पासवर्ड के एक ओटीपी से पेमेंट किया जा सकता है।
- आईपीपीबी एक डॉर स्टेप बैंकिंग है जिसके जरिए घर पर बैठे-बैठे आपके बैंक से जुड़े सारे हो जाएंगे।
- बेसिक सेविंग्स अकाउंट को 10 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति केवाईसी के साथ इस खाते को खोल सकता है।
- डिजिटल सेविंग्स अकाउंट को कोई भी 18 साल से अधिक उम्र का व्यक्ति खोल सकता है। इसके लिए आपका केवाईसी होना जरूरी है। इस खाते में किसी भी दिन भी 1 लाख रुपये से ज्यादा की जमा राशि नहीं होनी चाहिए। इसमें एक साल में सिर्फ 2 लाख तक की राशि जमा की सकती है।
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