आपने कैरम बोर्ड तो खेला ही होगा। यदि नहीं भी खेला हो तो भी मैं जो लिखने जा रहा हूँ वह आप अवश्य समझ जाएँगे। कैरम बोर्ड पर सिर्फ स्ट्राइकर (जिसे उँगली से मारते हैं और जो गोटी से टकराकर उसे छेद में डालता है) रखें और उसे धीरे से उँगली से मारें। उँगली के धक्के से स्ट्राइकर को एक वेग मिलेगा और वह चलने लगेगा। स्ट्राइकर का वेग लगातार कम होता जाएगा और बोर्ड पर कुछ ही दूर जाकर वह रुक जाएगा। सोचिए, स्ट्राइकर का वेग कम क्यों हो रहा है? इसपर वेग की विपरीत दिशा में अवश्य कोई बल लग रहा होगा। बोर्ड क्षैतिज तल में रखा जाता है और इसलिए यह बल भी क्षैतिज दिशा में ही होगा। स्ट्राइकर का भार तथा बोर्ड द्वारा इसपर लगता अभिलंब बल दोनों ही ऊवधिर दिशा में हैं तथा इन बलों का क्षैतिज दिशा में कोई घटक नहीं होगा। फिर, वेग के विपरीत बल कौन लगा रहा है? यह बल भी बोर्ड ही लगा रहा है। अर्थात, बोर्ड स्ट्राइकर पर अभिलंब बल N ऊपर की ओर लगा रहा है और साथ ही वेग की विपरीत दिशा में बल f लगा रहा है। यही बल वेग को घटाता है जिससे स्ट्राइकर थोड़ी दूर जाकर रुक जाता है। यह बल बोर्ड द्वारा स्ट्राइकर पर लगाया गया घर्षण बल है। संपर्क में रहनेवाली दो वस्तुएँ एक-दूसरे पर संपर्क की सतहों के समानांतर जो बल लगाती हैं, उसे घर्षण बल कहते हैं। हमने पहले के एक अध्याय में इसकी थोड़ी-सी चर्चा की थी।
कैरम बोर्ड का खेल प्रारंभ करने से पहले लोग बोर्ड पर थोड़ा-सा पाउडर डालकर फैला देते हैं। ऐसा करने से धीरे से मारने पर भी स्ट्राइकर एवं गोटियाँ दूर तक जा पाती हैं। पाउडर डालने से सतहें चिकनी हो जाती हैं और घर्षण बल का मान कम हो जाता है। कई बार प्रश्नों में आप 'चिकने तल' या 'चिकनी वस्तु' ऐसे शब्द देखते होंगे। इसका अर्थ है कि उसके द्वारा या उसपर लगनेवाला घर्षण बल बहुत ही कम है और उस प्रश्न के लिए इसे शून्य मान सकते हैं। ऐसी सतहों को हम घर्षणरहित सतह भी कहते हैं। ध्यान रहे कि न्यूटन का तृतीय गति-नियम घर्षण बल के लिए भी लागू होता है। यदि दो वस्तुओं A तथा B की सतहें संपर्क में हों और वस्तु A, वस्तु B पर घर्षण बल f लगा रही हो, तो वस्तु B भी वस्तु A पर उतना ही घर्षण बल f विपरीत दिशा में लगा रही होगी। यदि कैरम बोर्ड अपने ऊपर फिसलते स्ट्राइकर पर पूर्व दिशा में घर्षण बल लगा रहा है, तो स्ट्राइकर भी बोर्ड पर उतना ही घर्षण बल पश्चिम दिशा में लगा रहा होगा। आपको तो पता ही है कि हम इन दोनों बलों को जोड़कर कुल घर्षण बल शून्य नहीं कहेंगे, क्योंकि ये दो अलग-अलग वस्तुओं पर लग रहे हैं।
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