Saturday, May 22, 2021

बलों के प्रकार Types of Forces | Physics

संसार में दिखनेवाले सभी बल चार प्रकार के मूल प्रकारों में से किसी का परिणाम होते हैं। गुरुत्वाकर्षण का बल, जो द्रव्यमान होने के कारण लगता है, एक मूल प्रकार है। विद्युतीय तथा चुंबकीय बल अलग-अलग मूल प्रकारों के न होकर एक ही प्रकार के हैं और इसे विद्युत-चुंबकीय बल (electromagnetic force) कहते हैं। घर्षण, स्प्रिंग का बल, रस्सी का तनाव आदि सभी विद्युत-चुंबकीय बलों से ही बने हैं। प्रत्येक वस्तु में इलेक्ट्रॉन होते हैं और दो वस्तुओं के इलेक्ट्रॉन आपस में विद्युत-चुंबकीय बल लगाकर इन बलों का निर्माण करते हैं। तीसरे प्रकार का मूल बल strong force तथा चौथे प्रकार का बल weak force कहलाता है। नाभिकीय बल strong force के ही प्रकार में आता है। Strong तथा weak, बलों के नाम हैं और इन्हें अधिक परिमाण तथा कम परिमाण से सीधे-सीधे जोड़ना उचित नहीं है। 

गुरुत्वाकर्षण एवं विद्युत-चुंबकीय बल लंबी दूरी के बल कहे जाते हैं। जबकि strong force एवं weak force बहुत कम दूरी पर ही प्रभावी होते हैं। एक नाभिक में अंदर के प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन strong force के कारण ही जुड़े रहते हैं, पर हाइड्रोजन के अणु में स्थित दो प्रोटॉनों पर strong force का कोई प्रभाव नहीं होता। नाभिक के अंदर के प्रोटॉनों, न्यूट्रॉनों के बीच लगनेवाले strong बल को नाभिकीय बल भी कहते हैं। हाइड्रोजन अणु के दो प्रोटॉनों की दूरी जहाँ 10^-10 m के लगभग होती है, नाभिक के अंदर के प्रोटॉनों की दूरी 10^-15 m के लगभग होती है। Weak force की प्रभावी दूरी और भी कम होती है। इस बल के कारण उपयुक्त परिस्थितियों में प्रोटॉन का न्यूट्रॉन में या न्यूट्रॉन का प्रोटॉन में परिवर्तन हो सकता है। हम हिंदी में भी strong तथा weak बलों को ऐसे ही लिखेंगे न कि मजबूत बल या कमजोर बल। 

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