Thursday, April 8, 2021

थॉर्नडाइक के प्रयास और त्रुटि द्वारा सीखने का सिद्धांत Theory of learning by Thorndike's trials and error

 इस सिद्धांत को भूल एवं प्रयत्न द्वारा सीखने का सिद्धांत या संबंध वाद का सिद्धांत या अधिगम का संबंध सिद्धान्त भी कहते हैं ।

इस सिद्धांत का प्रतिपादन थॉर्नडाइक Thorndike ने किया था ।

इस सिद्धांत के अनुसार यदि हम कोई नई चीज सीखते हैं तो वह हम एकदम से नहीं सीख जाते उसके लिए हमें बहुत से प्रयत्न करने पड़ते हैं और इन प्रयत्नों के दौरान बहुत सी त्रुटियाँ भी होती है लेकिन प्रयत्न करते रहने से इन त्रुटियों की संख्या कम होती जाती है और एक समय ऐसा आता है कि हम बिना त्रुटि किए वह चीज सीख जाते हैं उदाहरण के लिए यदि कोई बालक लिखने या बोलने में अनेकों त्रुटियां करता है लेकिन वह बार-बार लिख लिख कर प्रयत्न करता है या बोल बोलकर प्रयत्न करता है तो एक दिन वह बिल्कुल सही लिखना और बोलना सीख जाता है वह भी बिना किसी त्रुटि के ।


थॉर्नडाइक Thorndike का बिल्ली का प्रयोग

इसके लिए थॉर्नडाइक Thorndike ने अपना प्रयोग एक भूखी बिल्ली पर किया । एक बार थॉर्नडाइक Thorndike मैं एक भूखी बिल्ली को एक पिंजरे में बंद कर दिया और पिंजड़े के बाहर भोजन रख दिया तथा पिंजरे में एक बटन था जिसको दबाने पर पिंजरे का द्वार खुल जाता था जब भूखी बिल्ली ने पिंजड़े के बाहर भोजन देखा तो उसने पिंजरे से बाहर निकलने के लिए अनेक प्रयत्न किए और अचानक उसका पैर उस बटन पर पड़ गया और द्वार खुल गया तथा वह पिंजरे से बाहर आ गई और उसने भोजन को प्राप्त कर लिया अगले दिन फिर से उस बिल्ली को उसी पिंजरे में बंद कर दिया गया अब बिल्ली ने बाहर आने के लिए पहले दिन की अपेक्षा कम समय लिया और रोजाना यह प्रक्रम दोहराने पर बिल्ली का पिंजरे से बाहर आने का समय घटता चला गया अर्थात उसके द्वारा की गई त्रुटियों की संख्या कम होती चली गई और एक दिन बिल्ली बिना किसी त्रुटि के सीधा पिंजरे का बटन दबाकर बाहर आकर भोजन प्राप्त कर लिया अर्थात बिल्ली ने बटन दबाकर पिंजरे से बाहर आना सीख लिया था ।

प्रयास और त्रुटि द्वारा सीखने की अवस्थाएं

नवीन परिस्थिति

लक्ष्य 

मानसिक स्थिति 

बाधाएं 

प्रयास 

आकस्मिक सफलता 

उचित समाधान 

सफल चेष्टा

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