व्यवहार से होने वाला कोई भी परिवर्तन सीखना या अधिगम कहलाता है । उदाहरण के लिए यदि किसी बालक के सामने एक जलता हुआ दिया रख दिया जाए तो वह उस से आकर्षित होकर उसकी और बढ़ेगा तथा उसकी लौ को पकड़ने की कोशिश करेगा परंतु जैसे ही उसका हाथ जलेगा वह हाथ को पीछे हटा लेगा जिससे उसे यह सीखने को मिलेगा कि यह बहुत गर्म है और इससे हाथ जल सकता है अब दूसरी बार दोबारा उस दिये को उसके सामने लाने पर वह न तो उसकी ओर आकर्षित होगा और न ही कोई प्रतिक्रिया देगा क्योंकि उसके व्यवहार में परिवर्तन आ चुका है तथा वह यह सीख चुका है कि जैसे ही वह दिये की लौ में अपना हाथ रखेगा तो वह जल जाएगा ।
सीखना या अधिगम की कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएं
गेट्स के अनुसार सीखना अनुभव एवं प्रशिक्षण के माध्यम से व्यवहार का परिमार्जन है ।
स्किनर के अनुसार सीखना व्यवहार के अर्जन में प्रगति की प्रक्रिया है ।
गिलफोर्ड के अनुसार सीखना व्यवहार के परिणाम स्वरूप व्यवहार में कोई परिवर्तन है ।
वुडवर्थ के अनुसार सीखना कोई नया कार्य करने से है बशर्ते की नई क्रिया पुष्टिकृत हो तथा बाद की क्रियाओं में पुनः प्रकट होती हो या एक क्रिया सीखना कही जा सकती है जहां तक कि वह व्यक्ति को अच्छे या बुरे किसी भी प्रकार से विकसित करती है और उसके अनुभव तथा परिवेश को पहले से भिन्न बनाती है ।
सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले कारक
1. शरीर संबंधी कारक
व्यक्ति की आयु तथा परिपक्वता
लिंगभेद
शारीरिक स्वास्थ्य
नशे की स्थिति
संवेगात्मक अवस्था
2. सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले भौतिक कारक या भौगोलिक कारक
इस कार्य के अंतर्गत मुख्य रूप से मौसम सर्दी गर्मी हवा की तीव्रता हवा में होने वाली नवी धूप तथा वर्षा आदि आते हैं
3. सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले सामाजिक कारक
अनुकरण
निर्देश
प्रशंसा
सहयोग
प्रतियोगिता
4. सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले मनोवैज्ञानिक कारक
सुगमता
विभेदीकरण
विरोध या बाधा
विभिन्न क्रियाओं का संगठन
सीखने या अधिगम की विशेषताएं
1. व्यक्ति द्वारा किसी भी उत्पन्न हुई आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए प्रयास किया जाता है ।
2. नवीन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है ।
3. नवीन परिस्थितियों के प्रति समायोजन की एक स्वाभाविक प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है ।
4. समायोजन स्थापित करने के लिए नए उपाय या ढंग खोजे जा सकते हैं ।
5. यदि समायोजन स्थापित करने में सफलता प्राप्त होती है तो संबंधित प्रयास की पुनरावृत्ति होती है ।
सीखना या अधिगम के ज्ञान की शिक्षा में उपयोगिता
1. सृजनात्मकता का विकास होता है ।
2. अभिप्रेरणा में वृद्धि होती है ।
3. बुद्धि तीव्र होती है ।
4. सीखने की प्रक्रिया से अवधान एवं अभिक्षमता का विकास होता है ।
5. अधिगम से शिक्षा में रूचि उत्पन्न होती है ।
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