यदि उपाक्षीय किरणों Subaxial rays (मुख्य अक्ष Pricipal axis के आसपास) का उपयोग किया जाए तो ज्यामितीय प्रकाशिकी Geomatrical Optics के अनुसार, लेंस Lens से एक बिंदु-सरीखी Point like वस्तु का प्रतिबिंब Image बिंदु-सरीखा point like ही बनता है। लेंस Lens के प्रकाशीय केंद्र optical center को मूलबिंदु Origin तथा मुख्य अक्ष Principal axis को x-अक्ष लें। x-अक्ष की धनात्मक Positive दिशा के निर्धारण के लिए आपतित किरणों Incident rays की दिशा का उपयोग करें। x-अक्ष के लंबवत Perpendicular y-अक्ष बनाएँ। सामान्यतः आपतित किरणें incident rays बाएँ से दाहिनी ओर ली जाती हैं।
y-अक्ष की धनात्मक Positive दिशा ऊपर की ओर ली जाती है। वस्तु 0 के निर्देशांक Co-ordinates (u, h₁) तथा प्रतिबिंब I के निर्देशांक (v, h₂) लिए जाते हैं (चित्र देखे)। फोकस F के निर्देशांक (f,0), C₁ के निर्देशांक (R₁, 0) तथा C₂ के निर्देशांक (R₂, 0) लिए जाते हैं। चिह्नों की परिपाटी Sign Convention निर्देशांकों Coordinates के अनुसार है। चित्र a में F, C₁ तथा I मूलबिंदु origin P के दाहिनी ओर हैं, और इसलिए इनके x-निर्देशांक Coordinates f, R₁ तथा v के संख्यात्मक मान धनात्मक positive होंगे। इसी प्रकार 0 तथा C मूलबिंदु origin P के बायीं ओर हैं और इनके x-निर्देशांक Coordinates u तथा R, के संख्यात्मक मान ऋणात्मक Negative होंगे। इसी चित्र में O मुख्य अक्ष के ऊपर की ओर है, अतः इसके y-निर्देशांक h₁ का मान धनात्मक Positive होगा और I मुख्य अक्ष से नीचे की ओर है, इसलिए h₂ का मान ऋणात्मक Negative होगा।
चित्र (b) में u, v, f तथा R₁ के मान ऋणात्मक Negative हैं, जबकि R₂, h₁ तथा h₂ के मान धनात्मक Positive हैं।
f का मान उत्तल लेंस Convex lens के लिए सदैव धनात्मक Positive तथा अवतल लेंस Concave lens के लिए ऋणात्मक Negative होता है। सामान्यतः f के परिमाण को हम लेंस की फोकस-दूरी Focal length कहते हैं। इसी तरह R₁ तथा R₂ के परिमाणों को सतहों की वक्रता त्रिज्या Radius of Curvature कहते हैं।
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