Tuesday, May 25, 2021

लेंसों द्वारा बने प्रतिबिंबों के दोष Image defects made by the lens | Physics

प्रायः आप अपने मोबाइल फोन के कैमरे से Photo खींचते होंगे। Photographer बहुधा बड़े तथा महँगे कैमरों का प्रयोग करते हैं। क्या फर्क होता है इन छोटे-बड़े, सस्ते-महँगे कैमरों में? एक बड़ा फर्क होता है लेंस द्वारा बने प्रतिबिंब IMAGE में विभिन्न प्रकार के दोषों की उपस्थिति। अब हम इन दोषों की चर्चा करेंगे। गोलीय दर्पण SPHERICAL MIRROR द्वारा बने प्रतिबिंब IMAGE में बड़े दर्पण Mirror होने के कारण प्रतिबिंब IMAGE में गोलीय विपथन spherical aberration का दोष होता है। इसीलिए किरण-आरेख Ray diagram बनाते समय सदा उपाक्षीय किरणों paraxial rays का प्रयोग किया जाता है। लेंसों में गोलीय विपथन Spherical aberration का दोष तो होता ही है, साथ ही इसमें अनेक दूसरे दोष भी आ जाते हैं। ऐसे दोषों का संक्षिप्त विवरण हम यहाँ दे रहे हैं। 


(a) गोलीय विपथन (Spherical aberration)

चित्र में हमने एक उत्तल लेंस Convex lens तथा एक अवतल लेंस concave lens पर पड़ती अक्ष के समानांतर parallel किरणों का पथ दिखाया है। आप देख रहे हैं कि सीमांत किरणें marginal rays अपवर्तन Refraction के बाद कुछ ज्यादा मुड़कर फोकस F पर नहीं कटकर लेंस के कुछ और समीप F' बिंदु पर कटती हैं। वस्तुतः मुख्य अक्ष से जितनी दूर की किरण आप लेंगे वह मुख्य अक्ष को लेंस के उतने ही नजदीक काटेगी। चित्र में उत्तल लेंस Convex lens के लिए सीमांत किरणों  marginal rays का कटान-बिंदु फोकस से बाएँ खिसका है, जबकि अवतल लेंस concave lens के लिए सीमांत किरणों marginal rays का कटान-बिंदु फोकस से दाएँ खिसका है। यदि आपतित किरणें incident rays लेंस के समानांतर न होकर किसी बिंदुस्रोत से आ रही हों, तो भी, निर्गत किरणें एक बिंदु पर नहीं कटेंगी। एक बिंदु से चली किरणों का लेंस lens से गुजरने के बाद एक बिंदु पर नहीं कटना, गोलीय विपथन spherical aberration कहलाता है।

Spherical Aberration Goliya vipthan


गोलीय विपथन spherical aberration को कम करने के लिए लेंस lens के मध्य का छोटा भाग प्रयोग में लाना एक उपाय हो सकता है। आप लेंस के ठीक सामने या पहले एक अपारदर्शी पर्दा रख दें जिसके मध्य में एक छेद हो। यह छेद लेंस के सिर्फ बीच के हिस्से से ही प्रकाश को जाने देगा जिससे विपथन कम होगा। 

यदि उत्तल लेंस Convex lens के मुख्य अक्ष के लंबवत एक पर्दा रखें तो उस पर प्रकाश एक वृत्ताकार डिस्क में फैला हुआ दिखेगा। पर्दे को F' तथा F के बीच एक विशेष स्थान पर रखने से यह डिस्क सबसे छोटा बनता है। इस सबसे छोटे वृत्त की परिधि को “न्यूनतम भ्रम का वृत्त” अर्थात circle of least confusion कहते हैं। F'F की दूरी को गोलीय विपथन की माप कहते हैं। 

गोलीय विपथन spherical aberration का मान लेंस lens की दोनों सतहों की वक्रता त्रिज्याओं Radius of curvature पर निर्भर करता है। यदि दोनों सतहों पर किरणों का विचलन deviation लगभग समान हो, तो गोलीय विपथन spherical aberration कम होता है। एक ओर से समतल plane तथा दूसरी ओर ओर से उत्तल Convex, ऐसे समतलोत्तल planoconvex लेंस lens से जाती समानांतर किरणों parallel rays को चित्र में दिखाया गया है। चित्र (a) में सारा विचलन deviation एक ही सतह से हो रहा है जबकि चित्र (b) में विचलन deviation दोनों सतहों में बँटकर हो रहा है। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, पहली स्थिति में गोलीय विपथन spherical aberration दूसरी स्थिति के सापेक्ष बहुत अधिक है। 

Spherical Aberration


गोलीय विपथन Spherical Aberration कम करने के लिए आप उत्तल व अवतल लेंसों  convex and concave lens का संयोजन कर सकते हैं। चित्र में आपने देखा कि उत्तल लेंस से F' बाईं ओर है तथा F दाहिनी ओर। परंतु अवतल लेंस में F' ही दाहिनी ओर है और F बाईं ओर, अर्थात उत्तल व अवतल लेंस विपरीत दिशाओं में विपथन aberration पैदा करते हैं। इसलिए उचित फोकस दूरियों के उत्तल व अवतल लेंसों का संयोजन कर गोलीय विपथन Spherical Aberration को कम किया जा सकता है। 


(b) कोमा (Coma)

यदि वस्तु, लेंस lens के मुख्य अक्ष principle axis पर न होकर उससे कुछ ऊँचाई पर हो और उसका प्रतिबिंब IMAGE मुख्य अक्ष पर लंब perpendicularly पर्दे पर लिया जाए, तो प्रतिबिंब IMAGE अनेक प्रकार से विकृत distort हो सकता है। चित्र में एक बिंदु P का प्रतिबिंब IMAGE बनता हुआ दिखाया गया है। उपाक्षीय किरणों द्वारा P का प्रतिबिंब IMAGE P' बिंदु पर बनता है। परंतु, लेंस lens के केंद्र से कुछ दूरी पर यदि लेंस पर एक वलय ring की कल्पना करें तो उस हिस्से से गुजरनेवाली किरणें इस पर्दे के पहले ही संसृत होकर अपसृत होने लगेंगी। पर्दे पर पहुँचती ये किरणें लगभग वृत्ताकार वलय circular ring बनाएँगी। यदि बिंदु P मुख्य अक्ष पर होता, तो इस रिंग का केंद्र भी P' पर होता। पर P के अक्ष से बाहर होने के कारण इस रिंग ring का केंद्र भी P' से खिसका हुआ होगा। लेंस के केंद्र से और दूर के वलय से जानेवाली किरणें और पहले संसृत होंगी और पर्दे पर बड़ा रिंग बनाएँगी जो P' से और ज्यादा खिसका हुआ होगा। कुल मिलाकर पर्दे पर एक कॉमेट जैसा प्रतिबिंब IMAGE बनेगा। इस प्रकार के दोष को कोमा कहते हैं। 

Coma Image defect


(c) दृष्टिवैषम्य (Astigmatism)

गोलीय विपथन Spherical aberration या कोमा Coma के विवरण में हमने एक बिंदुस्रोत के प्रतिबिंब IMAGE को मुख्य अक्ष principle axis के लंबवत तल में फैलता हुआ देखा। यदि बिंदुस्रोत मुख्य अक्ष से हटकर हो, तो प्रतिबिंब IMAGE अक्ष की दिशा में भी फैलता है। यदि आप अक्ष पर लंब पर्दे पर प्रतिबिंब IMAGE को ग्रहण करें और पर्दे को धीरे-धीरे अक्ष की दिशा में खिसकाएँ तो कुछ दूरी तक आपको वस्तु का लगभग एकरेखीय प्रतिबिंब IMAGE मिलेगा। मुख्य अक्ष की दिशा में प्रतिबिंब IMAGE के फैलने को दृष्टिवैषम्य दोष Astigmatism कहते हैं। 

ध्यान रहे, मानव नेत्र के दोषों में भी एक का नाम दृष्टिवैषम्य  Astigmatism है। प्रतिबिंब IMAGE के दृष्टिवैषम्य एवं नेत्रों के दृष्टिवैषम्य में नाम के अलावा कोई साम्यता नहीं है। 


(d) वक्रता दोष(Curvature defect)

अब तक हमने लेंस द्वारा किसी बिंदुस्रोत का प्रतिबिंब IMAGE एक समतल पर्दे पर लिया, परंतु कोमा Coma एवं दृष्टिवैषम्य astigmatism के कारण वस्तु का सबसे अच्छा प्रतिबिंब IMAGE समतल पर नहीं, बल्कि एक वक्र सतह पर बनता है। ऐसा इसलिए कि प्रतिबिंब IMAGE अक्ष की दिशा में भी और अक्ष के लंबवत भी फैलता है। एक बिंदु का प्रतिबिंब IMAGE वक्र सतह पर बनने के दोष को वक्रता दोष Curvature Defect कहते हैं। 


(e) विकृति (Distortion)

कल्पना करें कि आप एक बड़ी वस्तु को लेंस lens के सामने रखते हैं तथा लेंस lens द्वारा इसका प्रतिबिंब IMAGE बनाते हैं। वस्तु के विभिन्न भाग अक्ष से अलग-अलग दूरी u पर हैं और ज्यामितीय प्रकाशिकी Geometrical optics के नियमों के अनुसार इन भागों के प्रतिबिंब IMAGE भी अक्ष से अलग-अलग दूरी पर बनेंगे। परंतु, u तथा v में संबंध रेखीय नहीं है, इसलिए u1/u2 का मान v1/v2 के बराबर नहीं होगा। वस्तु के सभी भागों का आवर्धन magnifaction v/u भी अलग-अलग हिस्सों के लिए अलग-अलग होगा। इसलिए प्रतिबिंब की आकृति image shape वस्तु की आकृति object shape से विकृत distort हो सकती है। चित्र में इस प्रकार के कुछ संभव विकृत प्रतिबिंब Distorted  IMAGE दिखाए गए हैं।  

Distortion Defect in image



(f) वर्णीय विपथन (Chromatic aberration)

आप जानते हैं कि किसी पदार्थ का अपवर्तनांक refractive index प्रकाश के तरंगदैर्घ्य पर निर्भर करता है। 



साथ ही, किसी लेंस की फोकस-दूरी अपवर्तनांक refractive index पर निर्भर करती है। 



अतः, कम तरंगदैर्घ्य wavelength के प्रकाश के लिए लेंस की फोकस-दूरी Focal length कम तथा अधिक तरंगदैर्घ्य wavelength के प्रकाश के लिए फोकस-दूरी focal length अधिक होगी। यदि लेंस lens पर मुख्य अक्ष principal axis के समानांतर Parallel श्वेत प्रकाश की किरणें Ray of white light पड़ें तो लेंस से निकलने के बाद बैंगनी भाग violet की किरणें लेंस के सबसे नजदीक Fv पर कटेंगी, जबकि लाल भाग की किरणें लेंस से सबसे दूर Fr पर कटेंगी । अतः, श्वेत प्रकाश से प्रकाशित किसी वस्तु का लेंस द्वारा बना प्रतिबिंब IMAGE एक बिंदु पर नहीं होकर अलग-अलग रंगों के कारण अलग-अलग बिंदुओं पर बनेगा। इस प्रकार के दोष को वर्णीय विपथन Chromatic Aberration कहते हैं। चित्र की स्थिति में प्रकाश बाएँ से दाहिने आ रहा है और उत्तल लेंस convex lens के लिए बैंगनी प्रतिबिंब Violet IMAGE लाल प्रतिबिंब Red IMAGE के बाईं ओर बना है। इस स्थिति को धनात्मक वर्णीय विपथन Positive Chromatic aberration कहते हैं। अवतल लेंस concave lens की स्थिति में बैंगनी प्रतिबिंब IMAGE लाल प्रतिबिंब IMAGE की दाहिनी ओर बना है। इस स्थिति को ऋणात्मक वर्णीय विपथन Negative Chromatic aberration कहते हैं। 

Positive and Negative Chromatic aberration


कैमरे, टेलीस्कोप आदि की रचना में इसके निवारण का विशेष ध्यान रखा जाता है। चित्र में एक उत्तल लेंस के मुख्य अक्ष पर लंबवत रखी एक बड़ी वस्तु OQ दिखाई गई है। प्रकाश के बैंगनी भाग के कारण इसका प्रतिबिंब IMAGE QvQv' लेंस के थोड़ा नजदीक बना है जबकि प्रकाश के लाल भाग के कारण प्रतिबिंब IMAGE QrQr' लेंस से अपेक्षाकृत दूर बना है। 

इस कारण प्रतिबिंब IMAGE का आकार size भी अलग-अलग रंग के प्रकाश के लिए अलग-अलग हैं। दृश्य प्रकाश के सबसे कम तथा सबसे अधिक तरंगदैर्यों के कारण बने प्रतिबिंबों के बीच की दूरी को अक्षीय या अनुदैर्घ्य वर्णीय विपथन Axial or Longitudinal Chromatic aberration कहते हैं। चित्र में QvQr दूरी अक्षीय वर्णीय विपथन Axial Chromatic Aberration है। इन्हीं तरंगदैर्ध्य Wavelength द्वारा बने प्रतिबिंबों की लंबाइयों में अंतर पार्श्व वर्णीय विपथन Leteral Chromatic Aberration कहलाता है। चित्र में QrQr' - QvQv' दूरी पार्श्व वर्णीय विपथन Lateral Chromatic Aberration है। 

Lateral Chromatic Aberration



वर्णीय विपथन के लिए एक रोचक प्रयोग

वर्णीय विपथन Chromatic Aberration को देखने के लिए आप एक बड़ा ही सरल, किंतु रोचक प्रयोग कर सकते हैं। एक बड़े आकार का उत्तल लेंस Convex lens लें तथा उसके बीच के हिस्से पर एक काले रंग का कागज चिपका दें। सिर्फ लेंस की परिधि perimeter के पास का थोड़ा भाग खुला हो ताकि आप सीमांत किरणों marginal rays द्वारा ही प्रतिबिंब IMAGE बना सकें। लेंस को एक स्टैंड stand में लगाकर रखें। एक श्वेत प्रकाश White light उत्सर्जित करने वाला बल्ब जलाकर लेंस से कुछ दूरी पर लगभग उसके मुख्य अक्ष principal axis पर रखें ताकि उसका वास्तविक प्रतिबिंब Real IMAGE लेंस lens के दूसरी ओर बने। एक कार्ड बोर्ड पर सफेद कागज चिपकाकर उसे पर्दे की तरह इस्तेमाल में लाएँ। इस पर्दे को हाथ से पकड़कर लेंस के मुख्य अक्ष के लंबवत रखें। प्रारंभ में इसे लेंस के पास रखें और फिर धीरे-धीरे उससे दूर ले जाएँ। 

प्रारंभ में आपको श्वेत प्रकाश का एक गोलाकार डिस्कनुमा प्रतिबिंब IMAGE दिखेगा, परंतु जब आप लेंस से पर्दे की दूरी को बढ़ाएँगे तो आपको लाल, पीले एवं नीले वलय Ring दिखने लगेंगे। चित्र (a) की स्थिति में पर्दे पर नीले रंग का वलय Ring अंदर और लाल रंग का वलय Ring बाहर दिखेगा। अब शुरू होगा असली मजेदार दृश्य। आप पर्दे को लेंस से और दूर ले जाएँ। आप पाएँगे कि अब लाल रंग का वलय Ring अंदर आ गया है और नीले रंग का वलय बाहर चला गया है [चित्र (b)]। पर्दे को आगे-पीछे कर रंगों के क्रम के इस परिवर्तन का आनंद लें। 

Interesting Game Of Chromatic Aberration


No comments:

Post a Comment