Wednesday, May 17, 2017

भारतीय संविधान में शिक्षा सम्बन्धी प्रावधान Educational Provisions in Indian Constitution

Indian Constitution में education को नागरिको का मूल अधिकार माना गया है । और इन अधिकारो का उपयोग करने हेतु कुछ व्यवस्थाये Arrangement  दी गई है जो नीचे दी जा रही है 






1. शिक्षा Education को समवर्ती सूची Concurrent List में रखा गया है -

भारत गणराज्य के संविधान Constitution में तीन अलग अलग सूचियां है -
(i) संघ सूची Union List 
इस सूची में कानून बनाने का अधिकार केंद्रीय सरकार को है ।
(ii) राज्य या प्रान्तीय सूची State List
इस सूची में कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकारो को है ।
(iii) समवर्ती सूची Concurrent List
इस सूची में कानून बनाने का अधिकार केंद्र एवम् राज्य सरकार दोनों को है ।
प्रारम्भ में शिक्षा Education प्रान्तीय या राज्य सूची State List में थी । 1976 में 42 वें संविधान संसोधन Constitution revision द्वारा शिक्षा education को समवर्ती सूची concurrent List में शामिल किया गया । तब से शिक्षा Education की व्यवस्था करना केंद्र और प्रांतीय सरकारो दोनों की responsibility है ।


2. जन्म से 6 वर्ष तक के शिशुओ की देखभाल और शिक्षा Education की व्यवस्था 

सन् 2002 में संविधान Constitution में 86 वा संसोधन revision हुआ जिसमे अनुच्छेद 45 में यह परिवर्तन किया गया की - राज्य सभी बच्चों को जब तक को वे 6 वर्ष की आयु प्राप्त न कर ले , बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा की व्यवस्था करेगा ।


3. 6 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों की अनिवार्य एवम् निशुल्क शिक्षा Free Education की व्यवस्था 

2002 के 86वें संविधान संसोधन अधिनियम Constitution revision के अनुसार अनुच्छेद 21A जोड़ा गया जिसमे - राज्य 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों की प्राथमिक शिक्षा की अनिवार्य एवम् निशुल्क व्यवस्था करेगा । साथ ही एक संसोधन यह भी किया गया की प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है की वह माता पिया या अभिभाक के रूप में 6 से 14 आयु वर्ग के अपने बच्चों अथवा आश्रितों को शिक्षा Education के अवसर प्रदान करे । इस दिशा में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 Right To Education Act 2009 भी अहम है जिसे हम अपनी अगली पोस्ट में पढ़ेंगे ।


4. शिक्षा Education संस्थाओ में प्रवेश के समान अधिकार 

संविधान Constitution के अनुच्छेद 29(2) में यह व्यवस्था की गई - राज्य द्वारा पोषित अथवा राज्य निधि से सहायता पाने वाली किसी भी शिक्षा संस्था में किसी भी नागरिक को धर्म, मूल वंश अथवा जाति के आधार पर प्रवेश से वंचित नही किया जाएगा ।



5. स्त्री शिक्षा women Education की विशेष व्यवस्था 

संविधान Constitution के अनुच्छेद 15(3) में यह व्यवस्था की गई - इस अनुच्छेद की किसी भी बात से राज्य को स्त्रियों और  बालको के लिए कोई उपबंध बनाने में कोई बाधा नही होगी ।


6. समाज के कमजोर वर्ग जैसे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों की शिक्षा Education की विशेष व्यवस्था 

संविधान Constitution के अनुच्छेद 17 द्वारा सर्वप्रथम छुआछूत को समाप्त किया गया उसक बाद अनुच्छेद 46 में यह व्यवस्था की गई है - राज्य जनता के कमजोर वर्गो , विशेषतः अनुसूचित जातियो और अनुसूचित जनजातियो की शिक्षा तथा अर्थ सम्बन्धी हितो की विशेष सावधानी से उन्नति करेगा और सामाजिक अन्याय और सब प्रकार के शोषण से उनका संरक्षण करेगा ।


7.अल्पंख्यको की शिक्षा education की विशेष व्यवस्था 

संविधान Constitution के अनुच्छेद 30(1) के अनुसार - धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गो को अपनी रूचि की शिक्षा संस्थाओ की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा ।
संविधान Constitution के अनुच्छेद 30(2) के अनुसार - शिक्षा संस्थाओ को सहायता देने में राज्य किसी विद्यालय के विरुद्ध इस आधार पर भेद नहीं करेगा की वह धर्म या भाषा पर आधारित किसी अल्पसंख्यक वर्ग के प्रबन्ध में है ।


8. मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा 

संविधान के अनुच्छेद 350(A) के अनुसार प्रत्येक राज्य और प्रत्येक स्थानीय प्राधिकारी Local Authority का यह दायित्व है की वह भाषायी दृष्टि से अल्पसंख्यको के बच्चों को शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा की समुचित सुविधाये उपलब्ध कराये ।




9. धार्मिक शिक्षा पर रोक 

संविधान के अनुच्छेद 28 के अनुसार पूर्ण रूप से राज्य विधि द्वारा पोषित किसी भी शिक्षा संस्था में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जायेगी । 
और अनुच्छेद 22 के अनुसार राज्य निधि से सहायता प्राप्त किसी भी शिक्षा संस्था में बच्चों को किसी धार्मिक उपासना में उपस्थित होने में बाध्य नहीं किया जाएगा ।


10. राष्ट्रीय महत्त्व की भाषाओ की शिक्षा 

संविधान Constitution के अनुच्छेद 344(1) में 15 भाषाओ को राष्ट्रीय महत्त्व की भाषा घोषित किया गया है । ये भाषाएँ है -
1. असमिया
2. बंगाली
3. गुजरती
4.हिन्दी
5. कन्नड़
6. कश्मीरी
7. मलयालम
8. मराठी
9. उड़िया
10. पंजाबी
11. संस्कृत
12. सिन्धी
13. तमिल
14. तेलुग
15. उर्दू


आगे चलकर संविधान संसोधन द्वारा 7 भाषाएँ और जोड़ दी गई -
1. कोंकड़ी
2. मणिपुरी
3. डोंगरी
4. बोगे
5. मैथिली
6. सन्थाल 
7. नेपाली
इस प्रकार इस समय राष्ट्रीय महत्त्व की भाषाओ की संख्या 22 है ।


11. राष्ट्र भाषा हिंदी का विकास

संविधान Constitution के अनुच्छेद 343 में हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया है तथा अनुच्छेद 351 में इसके विकास के लिए विशेष परिवर्तन करने की व्यवस्था की गई है ।




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