बैंक, जनता और अर्थव्यवस्था के बीच वित्तीय मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं। वह स्थिति कैसी होगी जब इस मध्यस्थ को हटा दिया जाए और अर्थव्यवस्था में कंपनियों को जनता से सीधे धन इकट्ठा करने की छूट दे दी जाए? इसे पूँजी बाजार में मध्यस्थहीनता कहते हैं। इसका आशय है कि कंपनियाँ जनता से, शेयर और बांड्स के माध्यम से, सीधे धन इकट्ठा कर सकती हैं।
शेयर द्वारा कंपनी का स्वामित्व निर्धारण होता है और इसे व्यापार के उद्देश्य से खरीदा जाता है। बांड्स के द्वारा निश्चित, वार्षिक ब्याज की रकम मिलती है। कंपनियां, पहली बार जब शेयर के माध्यम से धन एकत्र करती हैं तब इसे "प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव" (Initial Public Offering, (IPO) कहते हैं और इसके तत्पश्चात् आने वाले शेयर को “अनुसरणीय सार्वजनिक प्रस्ताव" (Follow on public offer, (FPO) कहते हैं। सभी प्रकार के IPO, FPO और बांड्स जो कंपनियों द्वारा जारी किये जाते हैं, उसे प्राथमिक बाजार ऑपरेशन (Primary Market Operation) कहते हैं।
No comments:
Post a Comment